चाँद है बेखबर
चाँद है बेखबर ,
कि कोई है
जो चाहे उसे।
कोई पूजे
कोई निहारे उसे।
कोई दिल के
हर कतरे से
टूट कर
माँगे तुझे।
ये इकतरफा
इश्क
हर पल यूँ सताएगा।
न मिल सकेंगे
इश्क
हर पल यूँ सताएगा।
न मिल सकेंगे
दो दिल
ये मिलन
अधूरा ही
रह जाएगा।
ख़्वाबों का
सिलसिला ये
न थमा है
न थमने पाएगा।
तू मेरा हो
न हो पर
चाहत तो
रहेगी सदा।
साँसों में सांस है
जब तलक
हर आस ये
कहेगी सदा।
नाता रूहानी
मेरा तुझसे है
तुझसे ही रहेगा सदा ।
तू मेरा हो न हो
दिल ये तेरा था
तेरा है
तेरा ही रहेगा सदा।
तेरा ही रहेगा सदा।
------ ऋतु अस्थाना
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