Friday, 26 June 2015

जब उसने बनाया था इंसान


जब उसने बनाया था इंसान





जब उसने बनाया था इंसान ,
दिया  एक प्यारा सा उसे दिल। 
न था तब  धर्म-जाति  का भेद ,
प्रेम से रहते सब  हिल-मिल। 

इंसान ने बनाए जब धर्म अनेक ,
बची न मानवता अब शेष। 
खाक में मिला कर अपना विवेक,
बाँट दिए अपने सच्चे पिता विशेष।

क्या होगा इस धरती का अब ,
 दिन  ऐसा भी एक  आएगा । 
न मंदिर में मिलेंगे  भगवान ,
और न होंगे मस्जिद में रहमान। 






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