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छोटी सी इक ख्वाहिश
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छोटी सी इक ख्वाहिश ,
खुदा आज करता हूँ ,
दिल किसी का न टूटे,
ऐसी दुआ करता हूँ।
मिले किस्मत में कांटे ,
पर गम नहीं ।
उनकी राहों में कुछ फूल,
तो खिला सकता हूँ।
तेरी दहलीज पर मै सर ,
इबादत में झुकाता हूँ।
उसकी इबादत में दिल क्या ,
जान भी लुटा सकता हूँ।
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