हर सांस में इक आस सी जगाती है ज़िदगी ,
हर सांस में इक आस सी जगाती है ज़िदगी
हर सांस में इक आस सी जगाती है ज़िदगी ,
अंधेरों में किरण बन कर मुस्काती है ज़िन्दगी।
कि बांटो प्यार और खुशियां मनाओ ,
किसी के अश्क पोंछो और हंसाओं।
किसी के वास्ते गर मिटना पड़े तो ,
ये वादा इश्क का दिल से निभाओ।
इसी रफ़्तार से बढ़ते रहे गर ,
अंदाज़ पे तेरे फिर गुनगुनाती है ज़िन्दगी।
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