Tuesday, 14 July 2015


 


 किया है पावन हमारा ये तुच्छ जीवन।


 संभव है बिना उनके न पूजा, न अर्चना ,
 न कोई यज्ञ और न ही कोई वंदना। 

  ये हैं साक्षात् अग्नि देव, सचमुच करामाती,
  कृपा से जिनके, जलती है सदा बाती। 

 अंत समय  में भी आते हैं जो सबके काम ,
  चिता में देते हैं इस यात्रा को चिर विराम। 

  धन्य हे! अग्नि देव तुमको शत-शत नमन ,
  तुमने किया है पावन हमारा ये तुच्छ  जीवन। 
  

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