किया है पावन हमारा ये तुच्छ जीवन।
संभव है बिना उनके न पूजा, न अर्चना ,
न कोई यज्ञ और न ही कोई वंदना।
ये हैं साक्षात् अग्नि देव, सचमुच करामाती,
कृपा से जिनके, जलती है सदा बाती।
अंत समय में भी आते हैं जो सबके काम ,
चिता में देते हैं इस यात्रा को चिर विराम।
धन्य हे! अग्नि देव तुमको शत-शत नमन ,
तुमने किया है पावन हमारा ये तुच्छ जीवन।
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