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Sunday, 17 April 2016
नहीं फिर दूर तुझसे, तेरा रब है।
इश्क मजहब,
इश्क इबादत,
इश्क बरकत,
इश्क मोहब्बत,
इश्क जरुरत,
इश्क मौला,
इश्क रब है,
गर इश्क हो हर बन्दे से उसके,
नहीं फिर दूर तुझसे, तेरा रब है।
--------ऋतु अस्थाना
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