Thursday, 25 January 2018

रानी पद्मावती की कहानी

रानी पद्मावती की कहानी


ये गाथा है एक राजपुतानी की,
एक रानी की,महारानी की ।
जिसने हार कभी न मानी थी ।
मर गई वो, मिट गई वो ,
हँसते-हँसते जौहर कर के,
पर खिलजी के हाथ न आनी थी ।
पर आज उसी के नाम पर,
लिखी जा रही अजब कहानी है।
उस पतिव्रता के नाम पर,
लोगों ने छेड़ा है कोहराम।
एक देशभक्त देवी का नाम ले ,
हो रहा आज है कत्ल ए आम ।  
कितनों को मारा,नरसंहार किया ।
अपने लोगों को बहुत सताया है ।
ये शान कहाँ खो जाती है,
जब अबला बेबस सी रोती है।
जब चौराहों पर आबरू की,
होती हर रोज़ नीलामी है।
उसकी रक्षा का ये दम भरते हैं ,
जो खुद की रक्षा में सक्षम थी ।
बहुत ही शक्तिशाली हो गर तुम ,
क्यों नहीं देश पर मर मिटते ।
क्यों दहशत फैलाते हो ,
खुद दिखलाओ अंगारों पर चलकर ।  
मासूम बच्चों पे हमला कर तुमने,
कायरता को भी किया शर्मिंदा है।
जो बच्चों की बस को जलाएगा,
वो क्या किसको मुंह दिखलाएगा ।
एक बात मान लो तुम मेरी ,
इतिहास बिगाड़ नहिं पाओगे ।  
एक दिन देश जरूर शर्माएगा।  
जब तुम्हारी करतूतों का चिट्ठा,
कल इतिहास में लिखा जाएगा ।
यदि बाजू में कुछ ताकत है,
तो आतंकवाद से लड़कर दिखलाओ।
यदि सम्मान करोगे नारी का,
रानी पद्मिनी भी मुसकाएगी ।
आशीष राजपुतानी देगी,
और गौरवान्वित हो जाएगी।
तुम हिन्दू हो या मुसलमान,
तुम किसी भी धर्म को अपनाओ ,
पर भाई मेरे सबसे पहले,
मानवता तो मन में जगाओ।
पर भाई मेरे सबसे पहले,
मानवता तो मन में जगाओ।

                             ------ऋतु अस्थाना  


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