Thursday, 17 September 2015

और हम हैं यहाँ पर अकेले




और हम हैं यहाँ पर अकेले 





माना जग में दिलों के हैं मेले,

और हम हैं यहाँ पर अकेले । 


खुशबू  प्यार की हमने जो माँगी, 
रह गए बन कर हम बस सवाली। 
अश्कों के ये  लगे हैं कैसे  रेले।
खेल दिल से क्यों तुमने हैं खेले।

माना जग में दिलों के हैं मेले,
और हम हैं यहाँ पर अकेले । 

खुश रहे तू सदा दिल ये चाहे,
एक हो न सकेंगी अपनी राहें।
दर्द तू न कभी कोई झेले ,
खुशियां मेरी भी तू सारी ले ले। 

माना जग में दिलों के हैं मेले,
और हम हैं यहाँ पर अकेले । 

धङकनों  पर लिखा नाम तेरा,
मेरी रातो का है तू  सबेरा।
 है सपन तेरी बाहों में झूलें,
दर्द सारे जुदाई के भूलें। 


माना जग में दिलों के हैं मेले,
और हम हैं यहाँ पर अकेले । 


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