और हम हैं यहाँ पर अकेले
माना जग में दिलों के हैं मेले,
और हम हैं यहाँ पर अकेले ।
खुशबू प्यार की हमने जो माँगी,
रह गए बन कर हम बस सवाली।
अश्कों के ये लगे हैं कैसे रेले।
खेल दिल से क्यों तुमने हैं खेले।
माना जग में दिलों के हैं मेले,
और हम हैं यहाँ पर अकेले ।
खुश रहे तू सदा दिल ये चाहे,
एक हो न सकेंगी अपनी राहें।
दर्द तू न कभी कोई झेले ,
खुशियां मेरी भी तू सारी ले ले।
दर्द तू न कभी कोई झेले ,
खुशियां मेरी भी तू सारी ले ले।
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