प्यारे साथियों को ,
नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं
हर लम्हा मायने रखता है।
लम्हों को न छोटा समझो,
हर लम्हा मायने रखता है।
इन लम्हों के ही मिलने से,
एक पूरा साल बनता है।
पल-पल प्यार को तरसें,
ये कोमल से प्यारे रिश्ते।
क्यों एतबार को तरसें,
ये नाज़ुक से कितने रिश्ते।
इन पलों को आ संवार लें,
लम्हों को ज़रा निखार लें।
चल मिल बैठें दो-चार घड़ी,
अपनों को थोड़ा दुलार लें।
मिल जाएं पाँचों ऊँगली तो,
मजबूत एक हाथ बनता है।
मिले दिलों से दिल तो,
एक परिवार बनता है।
नमी हो रिश्तों में अगर,
सुन्दर संसार बनता है।
इन लम्हों से ही मिलकर,
पूरा एक साल बनता है।
नफरत का जहर मत पीना,
मर-मर के क्योंकर जीना।
तेरा किया ही इक दिन,
तेरे सामने दिखेगा।
मिले गरीब का आशीष तो,
तू सौ बरस जिएगा।
खाते हैं आओ कसमें,
पूरी करेंगे अब हम,
इंसानियत की रस्में।
मासूमियत से अपनी
दुनिया के गम मिटाएँ।
बन जाएं एक दिया,
जग में प्रकाश फैलाएं।
हर मोड़ पे हों खुशियाँ,
तो हर दिन त्योहार बनता है,
जिओ दूसरों की खातिर तो,
सच में इंसान बनता है।
इन लम्हों से ही मिलकर,
देखो पूरा साल बनता है।
इन लम्हों से ही मिलकर,
साथी पूरा साल बनता है ।
-----ऋतु अस्थाना
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