KBC को प्रणाम
आज इस शो को हमने भरे दिल से और नम आँखों से विदाई दी। पर निवेदन है कि आप फिर से आएं और फिर से हर घर का टीवी आप की चमक से सुशोभित हो। बहुत बहुत आभार के साथ एक छोटी सी कविता प्रस्तुत है।
सदी के प्यारे महानायक!!
दिल बहुत भारी हो जाता है ,
आँखें जलधार बहाती हैं।
जब तुम कहते हो ख़त्म हुआ KBC ,
जान आधी रह जाती है।
जबसे तुम 9 से 10 :30 तक
टीवी में आने लगे हो।
तब से तुम सुपर हीरो ही नहीं
हर एक दिल में छाने लगे हो।
वो 9 बजते ही सब काम काज छोड़
रिमोट को कब्ज़े में कर लेना।
वो उत्साहित होकर हर रोज़
साथ तुम्हारे KBC
घर बैठकर खेलना।
वो कभी तुम्हारा दुखियों को
चुटकी में संभाल लेना।
कभी मन-मोहक मुस्कान से
समां रंगीन सजा देना।
कभी अपनी मीठी बातों से
लोगों का दिल बहलाना।
तो कभी अपनी अदायगी से
हमें निहाल कर देना।
घर के एक सदस्य हो तुम
याद बहुत ही आओगे।
रहेगा हमें इंतज़ार सदा
वापस KBC में कब आओगे ?
तुम स्वस्थ रहो खुशहाल रहो
काँटा बहन जी साथ निभाएं सदा ।
कंप्यूटर जी बेचैन रहेंगे
बंद रहेगी किस्मत ताले में सदा ।
अब जो गए तो जल्दी आना तुम
न इन्तजार ज्यादा कराना तुम।
बहुतों का उद्धार किया
जीवन उनका सुधार दिया।
पर अबकी हॉट सीट पे
हमको भी बिठाना तुम
किस्मत मेरी भी
एक बार सही
पर जरूर चमकाना तुम।
जल्दी वापस आना तुम।
न ज्यादा तड़पाना तुम।
वादा जरूर निभाना तुम।
याद हमेशा आना तुम।
----ऋतु अस्थाना
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