ज़िन्दगी काश मेरा यूँ ,
इम्तिहान न लेती।
ज़िन्दगी काश मेरा यूँ ,
इम्तिहान न लेती।
प्यार में मर मिटे हैं हम,
हमारी जान न लेती।
इक दीदार को तरसे हैं नज़रें ,
तेरे ही प्यार को तड़पें हैं सच में।
कि सांस ये चल रही है पर,
हाय ये क्या हुआ है।
नींद अब किसी करवट ,
बिलकुल न आती।
ज़िन्दगी काश मेरा यूँ ,
इम्तिहान न लेती।
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