Saturday, 7 May 2016

माँ तुझ जैसा दुनिया में कोई नहीं


माँ! तुझ जैसा दुनिया में कोई नहीं। 


माँ! तुझ जैसा दुनिया में कोई नहीं,
रब
भी पूछे अगर तो भी मैं बोलूं यही।
तुझ जैसा दुनिया में कोई नहीं।
दर्द मेरे जो सारे तूने लिए,
आंसू, आँखों में कभी  आने दिए,
मेरे रोने पे रोइ है तू सदा,
वारि वारि गई मेरी मुस्कान पे
तू ही भगवान हैतू ही मेरा खुदा,
रब भी तू है मेरा और कोई नहीं,
तुझ जैसा दुनिया में कोई नहीं।
 
गिर जो  जाऊँ तू  थाम लेना मुझे,
निर्मल आँचल की छाया तू देना मुझे,
तेरे हाथों में तकदीर मेरी लिखी,
मेरी गलती भी बिसरा तू देना सदा,
 
माँग लूँगा तुझे हर जनम में मेरी माँ,
फिर दूसरी आरज़ू मेरी कोई नहीं,
तुझ जैसा इस दुनिया में कोई नहीं।
तेरे चरणों में संसार सारा मेरा,
तू ही मन के मेरे इस मंदिर में है,
हो तुझी से तीरथ भी पूरा मेरा,
तेरा आशीष से बिगड़ी भी बन जाएगी,
हो जाएगा जन्म मेरा ये सफल,
तेरे दामन में जब दुःख होगा कोई नहीं ,
माँ !तुझ जैसा इस दुनिया में कोई नहीं।
तुझ जैसा इस दुनिया में कोई नहीं। 

--------ऋतु अस्थाना 















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